The best Side of piles treatment at home
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थ्रोम्बोस्ड बवासीर : यह तब होता है जब गुदा क्षेत्र में एक या एक से अधिक नसों में रक्त का थक्का बन जाता है। वे आम तौर पर गुदा पर एक सख्त गांठ के रूप में दिखाई देते हैं, जिसे छूने या बैठने में दर्द हो सकता है।
अनाज: जौ, चोकर युक्त आटा, और ब्राउन राइस फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।
इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है।
सही पोषण, स्वच्छता और समय पर डॉक्टर की सलाह से बवासीर का उपचार संभव है।
आपका स्वास्थ्य, आपकी जिम्मेदारी है। स्वस्थ रहें और खुशहाल जीवन जिएं!
पुराना कब्ज: मल त्यागने में कठिनाई के कारण बवासीर का विकास हो सकता है।
गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने से बवासीर होने का खतरा रहता है।
सब्जियां: पालक, मेथी, गाजर, और मूली को अपने आहार में शामिल करें।
शौचालय स्वच्छता : बिडेट का उपयोग या पानी के साथ पेरिअनल क्षेत्र की सफाई की सिफारिश की जाती है। यह गुदा क्षेत्र को सूखा रखेगा और संक्रमण की संभावना को कम करेगा
आपको बवासीर होने की अधिक संभावना तब होती है यदि आप:
यदि घरेलू उपायों से राहत न मिले तब विशेषज्ञ डॉक्टर से उचित इलाज लें।
साफ-सफाई, सही पोषण और संयमित दिनचर्या से मस्सों को सुखाने में मदद मिलती है।
कब्ज भी check here बवासीर का एक प्रमुख कारण है। कब्ज में मल सूखा एवं कठोर होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को मलत्याग करने में कठिनाई होती है। काफी देर तक उकड़ू बैठे रहना पड़ता है। इस कारण से वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है, और वह फूलकर लटक जाती है, जिन्हें मस्सा कहा जाता है।